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    Home»Articles»RBI Launches Digital Currency: असंख्य पेड़ों को मिलेगा जीवन !
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    RBI Launches Digital Currency: असंख्य पेड़ों को मिलेगा जीवन !

    Premendra AgrawalBy Premendra AgrawalNovember 2, 2022No Comments
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    जगदीश चन्द्र बसु ने सिद्ध किया कि पेड़-पौधों में भी जीव है। पेपर प्रोडक्शन के लिए पर्यावरण के रक्षक हमारे जीवन के रक्षक  जंगल कै जंगल असंख्य पेड़ों की हत्या की जाती है।  डिजिटल करेंसी से अब ऐसा नहीं हो सकेगा।  

    आरबीआई ने आज नोवेम्बर २, २०२२ को जारी किया डिजिटल करेंसी का पायलट प्रोजेक्ट। इसके लांच होते ही इसका आशा से भी अधिक रेस्पोंसे मिल रहा है। आते ही छा गई आरबीआई की डिजिटल करेंसी, पहले दिन हुए 275 करोड़ रुपये के 50 ट्रांजैक्शन। इस पायलट प्रोजेक्ट में हिस्सा ले रहे हैं नौ बैंक।

    डिजिटल करेंसी: 100 रुपये के नोट छापने में खर्च होते हैं 17 रुपये, अब आरबीआई ऐसे करेगा करोड़ों की बचत। एक करेंसी नोट अधिकतम चार साल तक चलता है। केंद्रीय बैंक को नए नोट छापने हैं जिनकी कीमत हजारों करोड़ रुपये है। वित्त वर्ष 2021-22 में आरबीआई ने 4.19 लाख अतिरिक्त नोट छापे थे, जिनकी कीमत हजारों करोड़ रुपये थी। वहीं डिजिटल करेंसी की कीमत लगभग जीरो होगी, जिससे सरकार के अरबों रुपये की बचत होगी।

    ई-आरयूपीआई डिजिटल भुगतान के लिए एक कैशलेस और संपर्क रहित साधन है। इसमें कहा गया है कि ई-आरयूपीआई इलेक्ट्रॉनिक वाउचर की एक अवधारणा है जो प्रधानमंत्री के सुशासन के दृष्टिकोण को आगे ले जाती है।

    इस सेंट्रल बैंक की डिजिटल करेंसी यानी CBDC का नाम दिया गया है। अभी इसका ट्रायल चल रहा है और इसमें 9 बैंकों को शामिल किया गया है जिनके जरिए लेनदेन किया जाएगा। अभी डिजिटल करेंसी को रोजमर्रा के भुगतान के लिए शुरू नहीं किया गया है, बल्कि इसका इस्तेमाल सरकारी सुरक्षा के लेन-देन में किया जा रहा है। इसका ट्रायल आज मंगलवार को शुरू हुआ। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार, यह भारत की मुद्रा के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण है और यह कारोबार करने के पूरे तरीके को बदल देगा।

    इसमें हिस्सा लेने वाले हर बैंक का एक डिजिटल करेंसी अकाउंट है जिसे सीबीडीसी अकाउंट (CBDC Account) नाम दिया गया है। इसे आरबीआई मेनटेन कर रहा है। बैंकों को पहले अपने अकाउंट्स से इस अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने होंगे। अगर एक्स बैंक किसी वाई बैंक से बॉन्ड्स खरीद रहा है तो एक्स बैंक के सीबीडीसी बैंक से डेबिट होगा और वाई बैंक के उसी अकाउंट में क्रेडिट होगा। इसमें उसी दिन डिजिटल सेटलमेंट होगा।

    इस सेंट्रल बैंक की डिजिटल करेंसी यानी CBDC का नाम दिया गया है। अभी इसका ट्रायल चल रहा है और इसमें 9 बैंकों को शामिल किया गया है जिनके जरिए लेनदेन किया जाएगा। अभी डिजिटल करेंसी को रोजमर्रा के भुगतान के लिए शुरू नहीं किया गया है, बल्कि इसका इस्तेमाल सरकारी सुरक्षा के लेन-देन में किया जा रहा है। इसका ट्रायल आज मंगलवार को शुरू हुआ। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार, यह भारत की मुद्रा के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण है और यह कारोबार करने के पूरे तरीके को बदल देगा।

    भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और कोटक महिंद्रा बैंक ने भी डिजिटल रुपये के पहले पायलट परीक्षण में भाग लिया। आरबीआई ने कहा कि उसकी योजना एक महीने के भीतर डिजिटल रुपये का पायलट ट्रायल शुरू करने की है। परीक्षण एक विशिष्ट उपयोगकर्ता समूह के बीच चुनिंदा स्थानों पर आयोजित किया जाएगा, जिसमें ग्राहक और व्यापारी शामिल हैं।

    आरबीआई की डिजिटल करेंसी में डील सेटलमेंट से सेटलमेंट कॉस्ट में कमी आने की संभावना है। CBDC केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए करेंसी नोटों का डिजिटल संस्करण है। दुनिया भर के केंद्रीय बैंक सीबीडीसी शुरू करने की संभावनाएं तलाश रहे हैं। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल रुपया पेश करने की घोषणा की थी।

    डिजिटल करेंसी से  न सिर्फ सरकार का पैसा बचेगा, बल्कि इसका इस्तेमाल करने वालों को भी कई फायदे मिलेंगे. मसलन जेब में नोट ले जाने की जरूरत नहीं होगी और न ही बैंक जाकर नोट जमा कराने की जरूरत होगी. इसका भुगतान तेज और सुरक्षित होगा। वॉलेट में पैसे रखने की जगह मोबाइल वॉलेट जैसा सिस्टम काम करेगा।

    ई-आरयूपीआई के बाद अब डिजिटल करेंसी का ा जारी हों होना  एक और  उदाहरण है कि भारत कैसे आगे बढ़ रहा है और 21वीं सदी में लोगों को उन्नत तकनीक की मदद से जोड़ रहा है।

    Tags: RBI Launches Digital Currency,  Trees get life, Jagdish Chandra Basu, Digital protects environment, CBDC, E-RUPI, Cashless, RBI Governor, Progressing India, Dream of Modi

    Cashless CBDC Digital protects environment E-RUPI Jagdish Chandra Basu Progressing India RBI Governor RBI Launches Digital Currency Trees get life
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    ModiMay Vaidik Netritva About - प्रेमेन्द्र अग्रवाल ने पत्रकारिता, कानून और वाणिज्य में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 1956 में छात्र संघ के महासचिव चुने गए दुर्गा लॉ एंड कॉमर्स कॉलेज, रायपुर में। उनके कुछ लेख छात्र जीवन में धर्म युग, हिंदुस्तान हिंदी साप्ताहिक आदि में और बाद में अंग्रेजी साप्ताहिक 'ऑर्गनाइजर' में भी प्रकाशित हुए। उन्होंने स्टूडेंट्स हिंदी साप्ताहिक 'बढ़ते चलें' का दिल्ली और बाद में रायपुर से प्रकाशन किया। वर्त्तमान में वे रायपुर से 1964 से हिंदी दैनिक "लोक शक्ति" का प्रकाशन कर रहे हैं। अक्टूबर 2020 से वे 'लोकशक्ति' मासिक भी प्रकाशित कर रहे हैं। लॉ ग्रेजुएट बनने के बाद उन्होंने सेल्स टैक्स और इनकम टैक्स ऑफिस में टैक्सेशन एडवाइजर के तौर पर प्रैक्टिस की। इसके बाद उन्होंने एक्सपोर्ट बिजनेस अपनाया। उन्होंने 1972 में इटली को cotton rags और बाद में ब्रिटैन को Neem Oil तथा Neem पाउडर का भी export किया। वे समय समय पर RSS, ABVP, Jan Sangh और VHPमें विभिन्न जिम्मेदारियां संभालते रहे हैं। प्रेमेन्द्र अग्रवाल से उनकी अपनी वेबसाइट: www.lokshakti.in पर संपर्क किया जा सकता है: Email: lokshaktidaily@gmail.com Twitter: @lokshaktiindia Ku app: @lokshaktidaily Facebook: @lokshaktidaily Instagram: @lokshaktidaily

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