Subscribe to Updates

    Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.

    What's Hot

    Raj Dharma: From the Vedic Period to Present

    February 23, 2023

    Why is suicide (fidayeen) a sin and an insult to God?

    February 23, 2023

    पृथ्वी ग्रह जीवित है जैसे वृक्ष

    February 2, 2023
    Facebook Twitter Instagram
    Trending
    • Raj Dharma: From the Vedic Period to Present
    • Why is suicide (fidayeen) a sin and an insult to God?
    • पृथ्वी ग्रह जीवित है जैसे वृक्ष
    • मोढेरा देश का पहला ऐसा गांव जहां 24 घंटे सोलर से जलेगी बिजली
    • माताभूमिपुत्रोहंपृथिव्या: Earth is my mother
    • सरला देवी का जीवन: महात्मा गांधी के साथ प्रेम प्रसंग
    • भारत को आजादी दिलाने में सुभाष बोस की अहम् भूमिका : ब्रिटिश पी एम
    • Do Heirs of the killer of Subhash Bose rule India?
    Login
    Sanskritik RashtravadSanskritik Rashtravad
    • Home
    • Articles
    • Sanskritik
    • Politics
    • General
    • Books
    • English
    Sanskritik RashtravadSanskritik Rashtravad
    Home»Politics»नाथद्वारा में स्थापित हुई दुनिया की सबसे बड़ी शिव प्रतिमा
    Politics

    नाथद्वारा में स्थापित हुई दुनिया की सबसे बड़ी शिव प्रतिमा

    Premendra AgrawalBy Premendra AgrawalOctober 29, 2022Updated:January 19, 2023No Comments
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn WhatsApp Reddit Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    शाह बानो मामला: जब मुस्लिम कट्टरपंथियों, मौलवियों ने 1984 में चुनी गई तत्कालीन राजीव गांधी सरकार को मुस्लिम महिला (तलाक पर संरक्षण अधिनियम), 1986 पारित करने के लिए प्रेरित किया। इस कानून ने शाह बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को उलट दिया। अर्थात राजीव गांधी ने तलाक के दौरान मुस्लिम महिलाओं के भरण-पोषण के अधिकार की रक्षा करने वाले SC के फैसले को पलट दिया।

    1985 में सुप्रीम कोर्ट ने शाह बानो मामले में उन्हें तलाक देने वाले शौहर को हर महीने गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया। मुस्लिम कट्टरपंथियों ने इसे मुस्लिम पर्सनल लॉ में दखल बताकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जबरदस्त विरोध करने लगे। 1986 में तत्कालीन राजीव गांधी सरकार ने कट्टरपंथियों के आगे घुटने टेक दिए, संसद में कानून बनाकर फैसला पलट दिया।

    इसके बाद राजिक गाँधी सरकार पर  सरकार पर मुस्लिम तुष्टीकरण के आरोप लगने लगे। डैमेज कंट्रोल के लिए राजीव गांधी ने एक और ऐतिहासिक भूल कर दी। इस बार हिंदू तुष्टीकरण की। 37 सालों से बंद अयोध्या के विवादित बाबरी ढांचे स्थित रामललाका 1986 में ताला खोल दिया गया। ताला ही नही खुला। राजीव गांधी ने खुद अयोध्या पहुंच पूजा-अर्चना की। विवादित स्थल के पास ही राम मंदिर का शिलान्यास तक कर डाला। राजीव गांधी की इस दूसरी गलती से अयोध्या मामला गरमा गया। लाल कृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में बीजेपी ने राम मंदिर निर्माण के लिए बड़ा आंदोलन छेड़ दिया। उसी आंदोलन की बदौलत बीजेपी ने पहले राज्यों और फिर बाद में केंद्र में सत्ता का स्वाद चखा। आज नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार दूसरी बार बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ केंद्र की सत्ता में है। कई राज्यों में उसकी सरकारें हैं। २०२४ के लोक सभा चुनाव में भी  —–के जीत की भविष्यवाणी राजनीतिज्ञ ुर सर्वे  कर रहे हैं।

    इसी वोटबैंकपोलिटिक्स और ब्रिटिश अंग्रेजों की Divide & Rule की नीति को कांग्रेस १९४७े बाद भी अपनाते आ रही है। कांग्रेस शासित राजस्थान भी इससे अछूता नहीं है।

    सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की  विरोधी कोंग्रस

    राजस्थान सरकार ने मुस्लिम तुष्टीकरण की हदें पार करते हुए राजस्थान की गहलोत सरकार में धर्म के आधार पर भेदभाव, रीट एग्जाम में उतरवाए गए दुपट्टे, मंगलसूत्र और चूड़ियां, हिजाब पहनकर परीक्षा देने की मिली छूट: कांग्रेस शासित राज्यों में हिन्दू होना गुनाह बन गया है। इसका प्रमाण राजस्थान में रीट एग्जाम के दौरान देखने को मिला। परीक्षार्थियों के परीक्षा केंद्र में प्रवेश को लेकर प्रशासन ने इतनी सख्ती दिखाई कि हिन्दू महिलाओं और युवतियों के दुपट्टे उतरवा दिए गए और कपड़ों पर लगे बटन तक काट दिए। यहीं नहीं महिलाओं के मंगलसूत्र, चूड़ियां, बालों की क्लिप, साड़ी पिन निकलवा दी गई।

    राजस्थान सरकार ने मदरसों में पढ़ने वाले 5वीं कक्षा के छात्रों की बोर्ड परीक्षा की फीस माफ करने का फैसला किया है। छात्र तो सब एक होते हैं फिर उनके साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है। रमजान के महीने में मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में बिजली कटौती नहीं करने का आदेश दिया। इसके विपरीत, हिंदू त्योहारों पर कई जिलों में धारा 144 लागू किया गया और रैली आदि निकालने के लिए पुलिस की अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया।

    कॉन्ग्रेस की ‘मुस्लिम तुष्टिकरण की भेंट चढ़े कन्हैया लाल:राजस्थान के उदयपुर (Udaipur, Rajasthan) में मंगलवार (28 जून 2022) को कन्हैया लाल साहू नाम के हिंदू व्यक्ति की गला काटकर दिन-दहाड़े हत्या कर दी गई। इस्लामी आतंकियों ने न सिर्फ गला काटा, बल्कि बाद में वीडियो भी बनाया और उनके रसूल की गुस्ताखी पर लोगों को धमकाया।

    मुस्लिम तुष्टिकरण की हद पार करने के बाद हार की कगार पर कड़ी गहलोत सरकार हिन्दुओं को खुश करने के लिए राजस्थान के नाथद्वार में दुनिया की सबसे ऊंची 369 फीट की शिव प्रतिमा का आज अनावरण नवंबर २९, २०२२ को किया गया।

    सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की उद्घोषक भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार

    Kahi[Tamil-Sangamam

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से चुनाव लड़ने का फैसला 2014 में क्यों किया था ? इस  सवाल का जवाब वास्तव तत्काल चुनावी गणना के अलावा  सांस्कृतिक संदर्भें भी छिपा है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए 13 दिसंबर, 2021 में मोदी ने कहा था कि काशी विश्वनाथ धाम का उद्घाटन भारत को एक निर्णायक दिशा देगा और एक उज्ज्वल भविष्य की शुरुआत करेगा।

    मध्यकाल में अस्था के स्थलों पर सुनियोजित हमले हुए। किन्तु आस्था का अस्तित्व समाप्त नहीं हुआ। स्वतंत्रता के बाद प्रथम उप प्रधानमंत्री बल्लभ भाई पटेल के प्रयासों से सोमनाथ मन्दिर का भव्य निर्माण हुआ था। उनके बाद ऐसे सभी विषयों को साम्प्रदायिक घोषित कर दिया गया। नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इस प्रचलित राजनीति में बदलाव हुआ। साँस्कृतिक विषयों को देश की अर्थव्यवस्था से जोड़ा गया। तीर्थाटन और पर्यटन अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा में समाहित हुए। यह क्रम निरंतर जारी है।

    अब ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत की व्यापक रूपरेखा और भावना के तहत ज्ञान, संस्कृति और विरासत के दो प्राचीनतम केंद्रों काशी एवं तमिलनाडु के बीच की कड़ी की तलाश के लिए 16 नवंबर से 19 दिसंबर के बीच वाराणसी में काशी तमिल संगमम का आयोजन किया जा रहा है।

    ज्ञान, संस्कृति और विरासत के दो प्राचीनतम केंद्रों काशी एवं तमिलनाडु के बीच की कड़ी की तलाश के लिए 16 नवंबर से 19 दिसंबर के बीच वाराणसी में काशी तमिल संगमम का आयोजन किया जाएगा। केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान और एल. मुरुगन ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारतीय भाषा समिति (बीबीएस) ने सदियों से मौजूद तमिल संस्कृति और काशी के बीच के संबंधों की फिर से तलाश, उनकी पुष्टि और उसका उत्सव मनाने का प्रस्ताव किया है।

    “श्री महाकाल लोक” : संस्कृति, अध्यात्म और राष्ट्रवाद का स्वर्णिम संयोजन

    कोणार्क का सूर्य मंदिर, एलोरा का कैलाश मंदिर, मोढेरा का सूर्य मंदिर, तंजौर का ब्रह्मदेवेश्वर मंदिर, कांचीपुरम का तिरूमल मंदिर, रामेश्वरम मंदिर, मीनाक्षी मंदिर और श्रीनगर का शंकराचार्य मंदिर हमारी निरंतरता और परंपरा के वाहक हैं। भारत आज विश्व के मार्गदर्शन के लिए फिर तैयार है। यह करोड़ों भारतीयों का सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भी शिव के भक्त हैं और उनके नेतृत्व में देश भर में आध्यात्मिक और धार्मिक स्थलों का लगातार कायाकल्प हो रहा है। उज्जैन स्थित “श्री महाकाल लोक” भी उनमें से एक है।

    कोणार्क का सूर्य मंदिर, एलोरा का कैलाश मंदिर, मोढेरा का सूर्य मंदिर, तंजौर का ब्रह्मदेवेश्वर मंदिर, कांचीपुरम का तिरूमल मंदिर, रामेश्वरम मंदिर, मीनाक्षी मंदिर और श्रीनगर का शंकराचार्य मंदिर हमारी निरंतरता और परंपरा के वाहक हैं। भारत आज विश्व के मार्गदर्शन के लिए फिर तैयार है। यह करोड़ों भारतीयों का सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भी शिव के भक्त हैं और उनके नेतृत्व में देश भर में आध्यात्मिक और धार्मिक स्थलों का लगातार कायाकल्प हो रहा है। उज्जैन स्थित “श्री महाकाल लोक” भी उनमें से एक है। “श्री महाकाल लोक” : संस्कृति, अध्यात्म और राष्ट्रवाद का स्वर्णिम संयोजनहै।

    अयोध्या में भव्य राम मंदिर सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का प्रतीक

    अयोध्या में श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण से भारत के इतिहास में एक स्वर्णिम पृष्ठ जुड़ रहा है। वास्तव में भारत का राष्ट्रवाद राजनीतिक नहीं, भौतिकवादी नहीं, सांस्कृतिक है और उस
    सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की सबसे पहली घोषणा श्री राम ने की थी। इसलिए वे राष्ट्र पुरुष हैं, केवल धार्मिक नहीं। श्री राम ने लंका जीत ली। अयोध्या वापसी की तैयारी होने लगी तो लक्ष्मण ने कहा,‘‘भैया अब सोने की लंका हमारी है–हम यहीं पर क्यों न रहें–अयोध्या जाने की क्या आवश्यकता है–तब श्री राम ने उत्तर दिया था:

    ‘‘अति स्वर्णमयी लंका न मे लक्ष्मण रोचते

    जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी’

    यही है भारत का सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और उसके बाद के देश के पूरे इतिहास में इसी राष्ट्रवाद की झलक मिलती है। विश्व में शायद कोई
    ऐसा देश नहीं जिसकीसीमाएं हजारों वर्ष पहले के ग्रंथों में मिलती हैं।

     

    Tags: Muslim Tustikan,
    HinduTushtikaran, Rajasthan ke Nathdwara, Gahlot Sarkar, Congress sarkar,  Ramlala Lock Rajiv Gandhi, 369 Ft Shiv
    statue. Shahbano, SC order palta,Talaq case,
    Sanskritikrashtravad, BJP Modi Government, Mahakal lok, Ram Mandir

    369 Ft Shiv statue. Shahbano BJP Modi Government Congress sarkar Gahlot Sarkar HinduTushtikaran Mahakal lok Rajasthan ke Nathdwara Ramlala Lock Rajiv Gandhi Sanskritikrashtravad SC order palta Talaq case
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram Email
    Premendra Agrawal
    • Website
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram

    ModiMay Vaidik Netritva About - प्रेमेन्द्र अग्रवाल ने पत्रकारिता, कानून और वाणिज्य में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 1956 में छात्र संघ के महासचिव चुने गए दुर्गा लॉ एंड कॉमर्स कॉलेज, रायपुर में। उनके कुछ लेख छात्र जीवन में धर्म युग, हिंदुस्तान हिंदी साप्ताहिक आदि में और बाद में अंग्रेजी साप्ताहिक 'ऑर्गनाइजर' में भी प्रकाशित हुए। उन्होंने स्टूडेंट्स हिंदी साप्ताहिक 'बढ़ते चलें' का दिल्ली और बाद में रायपुर से प्रकाशन किया। वर्त्तमान में वे रायपुर से 1964 से हिंदी दैनिक "लोक शक्ति" का प्रकाशन कर रहे हैं। अक्टूबर 2020 से वे 'लोकशक्ति' मासिक भी प्रकाशित कर रहे हैं। लॉ ग्रेजुएट बनने के बाद उन्होंने सेल्स टैक्स और इनकम टैक्स ऑफिस में टैक्सेशन एडवाइजर के तौर पर प्रैक्टिस की। इसके बाद उन्होंने एक्सपोर्ट बिजनेस अपनाया। उन्होंने 1972 में इटली को cotton rags और बाद में ब्रिटैन को Neem Oil तथा Neem पाउडर का भी export किया। वे समय समय पर RSS, ABVP, Jan Sangh और VHPमें विभिन्न जिम्मेदारियां संभालते रहे हैं। प्रेमेन्द्र अग्रवाल से उनकी अपनी वेबसाइट: www.lokshakti.in पर संपर्क किया जा सकता है: Email: lokshaktidaily@gmail.com Twitter: @lokshaktiindia Ku app: @lokshaktidaily Facebook: @lokshaktidaily Instagram: @lokshaktidaily

    Related Posts

    मोढेरा देश का पहला ऐसा गांव जहां 24 घंटे सोलर से जलेगी बिजली

    February 2, 2023

    माताभूमिपुत्रोहंपृथिव्या: Earth is my mother

    January 31, 2023

    भारत को आजादी दिलाने में सुभाष बोस की अहम् भूमिका : ब्रिटिश पी एम

    January 26, 2023

    Leave A Reply Cancel Reply

    Top Posts

    Return on Incremental Invested Capital MetricHQ

    February 5, 2020

    Twitch Bits Calculator To Usd And Eur

    March 30, 2022

    What is Satoshi Sats? When the Dollar is divided into 100

    May 19, 2022

    Latina Women Seeing Trips

    July 28, 2022
    Don't Miss
    Articles

    Raj Dharma: From the Vedic Period to Present

    By Premendra AgrawalFebruary 23, 2023

    16 August 2018: Whenever the Gujarat riots are mentioned, Atal Bihari Vajpayee’s ‘Rajdharma’ is definitely…

    Why is suicide (fidayeen) a sin and an insult to God?

    February 23, 2023

    पृथ्वी ग्रह जीवित है जैसे वृक्ष

    February 2, 2023

    मोढेरा देश का पहला ऐसा गांव जहां 24 घंटे सोलर से जलेगी बिजली

    February 2, 2023
    Stay In Touch
    • Facebook
    • Twitter
    • Pinterest
    • Instagram
    • YouTube
    • Vimeo

    Subscribe to Updates

    Get the latest creative news from SmartMag about art & design.

    © 2023 Sanskritik Rashtravad. All Rights Reserved

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

    Sign In or Register

    Welcome Back!

    Login to your account below.

    Lost password?